Ram Charit Manas

kishkindhakand Sampurn ramayan ram charit manas
Ram Charit Manas

KishkindhaKand संपूर्ण रामायण, राम चरित मानस – किष्किन्धा काण्ड

किष्किन्धाकाण्ड ।।राम।। श्री गणेशाय नमः – KishkindhaKand श्री जानकी वल्लभो विजयते श्री राम चरित मानस चतुर्थ सोपान (किष्किन्धाकाण्ड) श्लोककुन्देन्दीवरसुन्दरावतिबलौ विज्ञानधामावुभौशोभाढ्यौ

sundarkand Sampurn ramayan ram charit manas
Ram Charit Manas

SundarKand संपूर्ण रामायण, राम चरित मानस – सुन्दर काण्ड

शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् ।
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्।।1।।

balkand Sampurn ramayan ram charit manas
Ram Charit Manas

BalKand in Hindi संपूर्ण रामायण, राम चरित मानस – बाल कान्ड

सम प्रकास तम पाख दुहुँ नाम भेद बिधि कीन्ह।
ससि सोषक पोषक समुझि जग जस अपजस दीन्ह।।7(ख)।।
जड़ चेतन जग जीव जत सकल राममय जानि।
बंदउँ सब के पद कमल सदा जोरि जुग पानि।।7(ग)।।
देव दनुज नर नाग खग प्रेत पितर गंधर्ब।
बंदउँ किंनर रजनिचर कृपा करहु अब सर्ब।।7(घ)।।

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