Barish Mein Bheegna
हमे पसंद है ,
बारिश में भीगना अब भी …
हमे याद है ,
वो बारिश का महीना अब भी … – Barish Mein Bheegna
क्या मालूम था ,
वो दूर जायेगा इस क़दर हमसे …
हमे यकीन भी न होगा इक दिन ,
के हम ज़िंदा हैं यकीनन अब भी ….
मीलों पैदल चला और हाथ कुछ भी ना आया… Khali Hath Meelon paidal chala
मीलों पैदल चला ,
और हाथ कुछ भी ना आया !
कभी फुर्सत मिली तो सोचूंगा ,
क्या खोया क्या पाया ! – Khali Hath Meelon paidal chala
वक़्त ने मंज़र अजीब दिए मुझको ,
इस सहर ने दिया एक नया हम साया !
हर सूरत अच्छी हो ये मुम्किन है ,
मगर ,
हर दिल को मैंने अंदर तक ,
छलता पाया !
तनहा सारी ज़िन्दगी है ,
तनहा सारी रात है , (Khali Hath Meelon paidal chala)
इक बार कही से आ जाओ ,
खुद को मैंने
कभी ना इतना तनहा पाया !
आज अगर तुम आओ तो ,
थोड़े से आंसू भी लाना ,
मैंने अपनी आँखों को ,
बरसो बीते , सूखा पाया !!
– By Rakesh Goswami